मंगलवार, अप्रैल 29, 2025

26/11 मुंबई हमले में पर्दे के पीछे रहकर आतंकवादियों की मदद करना वाला तहव्वुर राणा को भारत लाया गया  

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आखिरकार एक भारी कानून का दांव-पेच के बाद भारत ने अमेरिका से तहव्वुर राणा की वापसी करा ही लिया। तहव्वुर राणा को 2008 में हुए मुंबई के ताज होटल हमले के सजिशकर्ता के केस में भारत लाया गया है। राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। गुरुवार को अमेरिकी एजेंसी ने राणा को एनआईए को सौंपने के बाद फोटो डालकर यह जानकारी दी। ताज होटल हमलें में 166 लोग जिसमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे मारे गए थे। जबकि 238 लोग घायल हो गए थे। 

तहव्वुर राणा ने की थी कोलमैन हेडली की मदद –

राणा को मुख्य आरोपी कोलमैन हेडली जिसे दाऊद गिलानी नाम से भी जाना जाता है,का सहयोगी है। इसने पर्दे के पीछे रह कर साजिश की थी। इसने दाऊद गिलानी को वीजा दिलवाया था जिसकी मदद से वह भारत में आराम से आ-जा सकता था। अमेरिका ने कहा, “राणा ने कथित तौर पर हेडली को दो बार भारतीय अधिकारियों को वीजा आवेदन बनाने और भरने में मदद की, जिसमें ऐसी जानकारी थी जिसके बारे में राणा को पता था कि वह झूठी है।”

वहीं दाऊद गिलानी सरकारी गवाह बन गया था और उसने साजिश की जानकारी दी थी। उसने बताया की राणा ने उसे लंबे समय के लिए वीजा उपलब्ध करा दिया था जिससे उसने मुंबई में एक कार्यालय खोला। जहां वह पाकिस्तानी खुफ़ीया अधिकारी मेजर इकबाल और अन्य षड्यंत्रकारियों के संपर्क में था। वह लश्कर-ए-तैयबा की ओर से स्थानों की तलाश करता था। जिसमें ताज होटल, ओबराय होटल, चबास हाउस और शिवाजी टर्मिनल शामिल थे।   

जबकि राणा ने मुंबई हमले में शिकार हुए लोगों को इसका हकदार बताया था। साथ ही मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों को पाकिस्तान का पुरस्कार ‘निशान-ए-हैदर’ देने की बात कही थी। भारत में इसे साजिश, हत्या और आतंकवादी गतविधि के लिए इसे दोषी माना गया है। अधिकारी उससे 26/11 अटैक के अलावा पाकिस्तान में आतंकवाद से संबंधित नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश करेंगे। 

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2009 में पहली गिरफ़्तारी के बाद तहव्वुर राणा को मिली थी 14 साल की सजा –

तहव्वुर राणा की पहली गिरफ़्तारी 2009 में अमेरिका में हुई थी। जिसको दो साल बाद आतंकवादी समूह का समर्थन करने का दोषी पाया गया। जिससे उसको 14 साल की सजा हुई थी। जबकि वह मुंबई हमले में सीधे तौर पर शामिल होने के सबूत नही मिले। जिसकी भारत में काफी आलोचना हुई थी। उसे फिर 2020 में मेडिकली अन्फिट होने की वजह से रिहा कर दिया गया था। परंतु भारत सरकार के फिर से आग्रह करने पर कार्रवाई की गई।    

राणा ने फरवरी 2025 में इस मामले को लंबित मुकदमे को स्थगित करने का नोटिस आवेदन किया था। उसने इसके लिए अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा था की उसे यातना दिए जाने का खतरा है। साथ ही यह और भी जायद हो सकता है क्योंकि वह एक पाकिस्तानी मुस्लिम है। परंतु अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया।

तहव्वुर राणा की गिरफ़्तारी के बाद पीएम मोदी का ट्वीट वायरल –

इस मामलें में पीएम मोदी की 2011 की ट्वीट वायरल हो रही है। जिसको लेकर लोगों के अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग कह रहे मोदी जी भारत की चिंता हमेशा से रही है। तो कुछ लोग कह रहे मोदी जी ने एक और वादा निभाया। पीएम मोदी का ट्वीट, “ अमेरिका द्वारा मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित करना भारत की संप्रभुता का अपमान है और यह विदेश नीति के लिए बड़ा झटका है।”

प्रयागराज दर्शनीय स्थल के बारें में जानिए हमारी दूसरी पोस्ट में-

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