अन्तराष्ट्रिय स्पेस स्टेशन में पिछले 9 महीने से फंसे अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बूच विल्मोर वापस आ गए। फ्लोरिडा के तट पर अंतरिक्ष कैप्सुल को उतारा गया। वापसी की पूरी यात्रा 17 घंटे की थी। जिसमें दो और अंतरिक्ष यात्री रॉसकास्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्सांद्र गोरबूनोव एवं नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग भी थे।
सुनीता विलियम्स और बूच विल्मोर पिछले साल जून के महीने में अंतरिक्ष की यात्रा पर गए थे। 8 दिवसीय यात्रा उस समय बढ़के 9 महीने की हो गई जब बोइंग स्टारलाइनर यान में खराबी आ जाने की वजह से एस्ट्रोनॉट के बिना लिए उसे वापस आना पड़ा था। बोइंग स्टारलाइनर यान को पिछले साल सितंबर में वापस सुरक्षित ले आया गया था।
सुनीता विलियम्स और बूच विल्मोर ने अपने 286 दिनों की यात्रा में पृथ्वी का 4576 बार चक्कर लगाया और साथ ही 195 मिलियन किमी की यात्रा की। सुनीता और बूच के वापसी पर कैलिफोर्निया स्थित स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल ने कहा, “स्पेसएक्स की तरफ से आपका घर में स्वागत है।” अपनी यात्रा पूरी करने के बाद दोनों एस्ट्रोनॉट हाथ हिलाते एवं खुश दिखायी दिए। वहाँ से उनको स्ट्रेचर के जरिए नियमित जांच के लिए ले जाया गया।


व्हाइट हाउस की तरफ से एक एक्स पर पोस्ट लिखा गया। जिसमे राष्ट्रपति ट्रम्प, एलोन मस्क और नासा का धन्यवाद किया गया। उन्होंने लिखा की, “वादा किया, वादा निभाया : राष्ट्रपति ट्रम्प ने वादा किया कि नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाया जाएगा। आज, @ElonMusk, @SpaceX और @NASA का शुक्रिया!
सुनीता विलियम्स बनीं दूसरी सबसे अधिक स्पेस में समय बिताने वाली अमेरीकी एस्ट्रोनॉट
इन स्पेस यात्रियों को पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा जिसमें अंतरिक्ष से वापस लौटने के बाद सामान्य जीवन जीने में मदद मिलेगी। अपनी इस 286 दिनों की यात्रा के बाद सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में दूसरी सबसे अधिक दिन बिताने वाली अमेरिकी एस्ट्रोनॉट बन गई है। इनसे अधिक पैगी व्हिटन 675 दिन अंतरिक्ष में बिताए है जबकि सुनीता विलियम्स 608 दिन स्पेस में रह चुकी है। जबकि रूसी अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको सबसे अधिक 875 दिन अंतरिक्ष में बिताए है।
सुनीता विलियम्स और बूच विल्मोर को क्या होगी परेशानी –
काफी लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की वजह से हड्डियों एवं मांसपेशियों का क्षय होता जाता है। गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण हड्डियों के डेन्सिटी घटती जाती है। अगर इसका ध्यान ना रखा गया तो। कुछ असर देखने की क्षमता पर भी पड़ता है। जो सबसे अधिक असर दिखाई देता है वो विकिरण से संबंधित है। तीव्र विकिरण सिंड्रोम, त्वचा जलना, कैंसर, हृदय रोग और यहाँ तक कि मृत्यु विकिरण से हो सकते हैं।
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