शिवालय पार्क अरैल घाट रोड के सच्चा बाबा नगर प्रयागराज में स्थित है। जैसा की नाम से प्रतीत होता की यह स्थान शिव से जुड़ी हुई है। यहां पार्क में समस्त मंदिरों को भारत के नक्शे पर दर्शाया गया है। जैसे की पूर्व में लिंगराज मदिर ओडिशा तो पश्चिम में सोमनाथ मंदिर है। वहीं उत्तर में केदारनाथ मंदिर और दक्षिण में शोर मदिर को दर्शाया गया हैं। और भारत के नक्शे में इन मंदिरों के मध्य रास्ते में पड़ने वाली कुछ मंदिरों को भी दर्शाया गया है। यहां पर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा अन्य शिव मंदिर को भी बनाया गया है। जबकि अन्य दर्शनीय कलाकृति मौजूद है।
प्रयागराज का शिवालय पार्क को वेस्ट पदार्थों से है निर्मित –
आइए इस पार्क के बारें में विस्तार से जानें। जैसे ही आप प्रवेश के पास होते हैं शिव प्रतिमा पर 22 भाषाओं में ओम नमः शिवाय लिखा हुआ देखने को मिलता है। गेट से अंदर प्रवेश करने पर सामने हीं समुन्द्र मंथन की सुंदर कलाकृति देखने को मिलती है। उसके बाद आप टिकट काउन्टर पर जाकर अपना टिकट लेकर इस पार्क में प्रवेश कर सकते हैं। इस पार्क को लगभग 3 महिनें के अंदर तैयार किया गया है। जो 11 एकड़ जमीन में तथा 17 करोड़ की लागत के साथ में बना है। साथ ही इस पार्क में बनी कलाकृतियों की एक विशेषता यह है की पुरानें मेटल(वेस्ट पदार्थ से) के प्रयोग से बनाई गईं हैं।
टिकेट लेने के बाद जैसे ही आप भारत के नक्शे की आकृति में बनें पार्क में प्रवेश करते हैं। आपको एक बड़ी प्रतिमा नंदी की दिखाई देगी। इसके बाद आप 12 ज्योतिर्लिंगों मंदिर की कलाकृति को देख सकते हैं। जो की केदारनाथ मंदिर के साथ शुरुआत होती है। यहां पर बोर्ड में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं है। इसके साथ ही अगर आपको ज्यादा जानना हो तो दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करके और अधिक जानकारी ले सकते हैं। अगर 12 ज्योतिर्लिंगों की बात की जाय तो –
12 ज्योतिर्लिंग का संक्षेप में परिचय जो शिवालय पार्क में हैं –
सोमनाथ मंदिर – यह जोतिर्लिंग मंदिर गिर गुजरात में स्थित है। इसे प्रथम ज्योतिर्लिंग मंदिर माना जाता है। तथा यह हिंदुओं का पवित्र स्थल है।
केदारनाथ मंदिर – यह ज्योतिर्लिंग मंदिर रुद्रप्रयाग उत्तराखंड में स्थित है। यह काफी प्रसिद्ध है, साथ ही पंच केदर तीर्थ स्थलों में प्रथम है।
ओंकारेश्वर मंदिर – यह ज्योतिर्लिंग मंदिर खंडवा मध्य प्रदेश में स्थित है। इसका प्राकृतिक आकार ओम जैसा है तथा यह मंधाता नामक द्वीप पर स्थित है।
श्रीमहाकलेश्वर मंदिर – यह ज्योतिर्लिंग मंदिर उज्जैन मध्य प्रदेश में स्थित है। इसमें भगवान शिव की मूर्ति दक्षिण दिशा की ओर मुह करके है जो की 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे अलग बनती है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर – यह मंदिर वाराणसी उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण अहिल्या बाई होल्कर नें कराया था।
वैद्यनाथ मंदिर – यह मंदिर देवघर झारखंड में स्थित है। यह शिव एवं शक्ति का अनूठा संगम है। साथ ही इसका धार्मिक रूप से बहुत महत्व है।
श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर – यह मंदिर श्री शेलम आंध्रप्रदेश में स्थित है। यह मंदिर 18 महाशक्तिपीठों में से एक है।
रामनाथस्वामी मंदिर – यह ज्योतिर्लिंग मंदिर रामेश्वरम तमिलनाडु में स्थित है। इसमें दो शिवलिंग हैं – जिसमें से एक को रामलिंगम तथा दूसरे को विश्वलिंगम कहा जाता है।
श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर – यह मंदिर नासिक महाराष्ट्र में स्थित है। इसमें भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा और भगवान शिव की मूर्ति स्थित है।
भीमशंकर मंदिर – यह ज्योतिर्लिंग मंदिर खेड़ महाराष्ट्र में स्थित है। एक राक्षस का संहार करने के लिए भगवान नें इस रूप कों धारण किया था।
घृष्णेश्वर मंदिर – यह मंदिर छत्रपती संभाजी महाराज नगर में महाराष्ट्र में स्थित है। इसके दीवालों पर पौराणिक और देवताओं की नक्काशी की गई है।
नागेश्वर मंदिर – यह ज्योतिलिंग मंदिर द्वारका गुजरात में है। ऐसा माना जाता है की भगवान शिव अपने एक भक्त की रक्षा के लिए एक राक्षस का वध किया था।
ज्योतिर्लिंग मंदिर के अलावा भी कई दर्शनीय स्थल है प्रयागराज के शिवालय पार्क में –
इन 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा यहां पर विभिन्न कई शंकर जी की मंदिर का निर्माण किया गया है। जिसमें सबसे पहले बात की जाय तो कैलाश मंदिर जो की एलोरा गुफा के 16वें गुफा महाराष्ट्र की शिव मंदिर है। इस मंदिर को
यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल किया गया है। इस मंदिर की सबसे कमाल बात यह है की मात्र एक शीला को तराश कर इसका निर्माण किया गया है। इसका निर्माण इसका निर्माण राष्ट्रकूट शासक कृष्ण प्रथम नें 760 ईस्वी में बनवाया था। यह द्रविड़ शैली में निर्मित है।
यहां पर ओडिशा में स्थित लिंगराज मंदिर का भी निर्माण किया गया है। इस मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजवंश द्वारा कराया गया था। यह 180 फुट(55 मीटर ) ऊंची मंदिर है। यह कलिंग वास्तुकला का एक अनोखा उदाहरण है।
श्री वीरभद्र मंदिर लेपाक्षी आंध्र प्रदेश में जो स्थित है उसका भी निर्माण किया गया है। यह भगवान शंकर के वीरभद्र अवतार के रूप के लिए जाना जाता है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है की जटायु यहीं घायल होकर गिरे थे। इसे उड़ते या लटकते स्तंभों के लिए भी जाना जाता है। यहां पर वीरभद्र शिव विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्तियाँ हैं।
शिवालय पार्क की खूबसूरती बढ़ाते नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर दक्षिण के शिव मंदिर –
तमिलनाडु के मामल्लापुरम में स्थित शोर मंदिर को भी दर्शाया गया है। जो की एक यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में अपना स्थान रखती है। इसका निर्माण 725 ई. में पल्लव वंश के राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय नें करवाया था। इस मंदिर के एक गर्भगृह में भगवान शिव की मूर्ति है तथा दूसरी में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर का निर्माण पूर्व दिशा की ओर है जिससे सूर्य की किरणें शिव मूर्ति पर पड़ सके।
बैजनाथ मंदिर – यह मंदिर कांगड़ा जिला हिमांचल प्रदेश में स्थित है। यह नागर शैली में निर्मित मंदिर को स्थानीय व्यापारियों के द्वारा बनवाया गया था। वैद्यनाथ का अर्थ होता है ‘चिकित्सकों का भगवान’ जो की शिव के एक रूप कों प्रदर्शित करता है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा सुरक्षित एवं संरक्षित है।
पशुपति नाथ मंदिर – यह मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू में बागमती नदी के किनारे स्थित है। इसको भी यहां दर्शाया गया है। यह दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं महत्वपूर्ण धर्मस्थलों में से एक है। साथ ही इसे 1979 ई. में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली। इस मंदिर का निर्माण नेवारी वास्तुकला से निर्मित दो छती है।
निष्कर्ष –
इस प्रकार प्रयागराज का शिवालय पार्क भगवान शिव कों समर्पित है। इसके अलावा यहां पर तुलसी वन एवं सजीवन वन का भी निर्माण किया गया है जिसमें अनेक जड़ी-बूटियों के साथ तुलसी की अनेक किस्में है। यहां पर इसके अलावा भगवान शिव के त्रिशूल भी है जो विनाश एवं सृजन के प्रतीक के रूप में है। इसके अलावा ब्रह्मांड के प्राचीन विचारधारा को भी रेनोवेट किया गया है।
यहां पर इसके अलावा पार्किंग एरिया, फूड प्लाजा, इवेंट एरिया, चिल्ड्रेन जोन आदि का निर्माण किया गया है। तथा भारत के नक्शे के किनारे-किनारे बोटिंग के साथ आप सभी मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। जो की शिवालय पार्क खूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं। यहां पर टिकट प्राइस की बात किया जाय तो बच्चों एवं बुजुर्गों (3-12 एवं 60 के ऊपर) के लिए 30 रुपया है। जबकि और 12-60 वर्ष के लोगों के लिए 50 रूपी है। और इसकी प्राइस शनिवार और रविवार को ज्यादा होती है। और इसके खुलने की टाइमिंग 8 बजे सुबह से 9 बजे रात तक है।
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Faq’s(अक्सर पूछें जानें वाले प्रश्न) –
- शिवालय पार्क कहाँ स्थित है?
प्रयागराज का शिवालय पार्क संगम से 2-3 किमी दूर अरैल रोड बरना सच्चा बाबा नगर प्रयागराज में स्थित है।
- पार्क का समय क्या है?
शिवालय पार्क सुबह 8:00 बजे खुल जाता है जो शाम 9:00 बजे तक खुला रहता है। साथ ही टिकट प्राइस भी है जो की 30-50 रुपये तक है। जबकि छुट्टी के दिन यह प्राइस में वृद्धि भी निर्धारित है।
- पार्क में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं?
यहां पर भगवान शिव के मंदिर हैं। इसके अलावा हरा-भरा वातावरण बैठने की व्यवस्था, शांति और मेडिटेशन का स्थल के साथ-साथ बच्चों के लिए खेल क्षेत्र भी हैं।

