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सोमवार, नवम्बर 10, 2025

प्रयागराज घूमने के लिए पर्यटन एवं मार्गदर्शिका

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अगर यहां के पर्यटन एवं मार्गदर्शिका की बात करें तो आप प्रयागराज की यात्रा यहां रेलवे के द्वारा, हवाई यात्रा के द्वारा या बस यात्रा के द्वारा किया जा सकता है- 

चलिए आपको कुछ ऐसे स्थान बताते हैं जहां आप यहां आए तो एक बार जरुर विजिट करें- 

चलिए शुरू करते हैं त्रिवेणी संगम में स्नान के साथ यात्रा –

 जब भी आप इलाहाबाद या यूं कहीं कहें की प्रयागराज आए तो यहां सर्वप्रथम त्रिवेणी संगम में स्नान जरूर करें। उसके पश्चात यहीं पर इलाहाबाद किला उसका भ्रमण करें उसी जगह पर आपको सरस्वतीकूप और पातालकूप मंदिर भी मिल जाएगा जिसमे 44 भगवान की मूर्तियां देख सकते हैं।

सिविल लाइंस की तरफ के लिए पर्यटन एवं मार्गदर्शिका –

इसके बाद हम सिविल लाइंस की ओर चलेंगे तो यहां पर हमें हनुमान निकेतन जो की हनुमान जी की मंदिर है तथा आगे आल सेंटस  कैथेड्रल चर्च एमजी मार्ग पर ही दिखाई देगा जो कि  बहुत ही भव्य चर्च है। सिविल लाइंस में ही आपको आजाद पार्क देखने मिल जाएगा, जहां चंद्रशेखर आजाद ने खुद को गोली मार ली थी। तथा यहीं विक्टोरिया स्मारक देखने को  मिल जाएगा आपको यहां की मूर्ति नहीं दिखाई देगी क्योंकि अभी इसे यहां से हटा दी गई है।

 उसके साथ ही आपके यहां इलाहाबाद संग्रहालय मिल जाएगा जिसके द्वार पर ही पिस्टल रखी गई है जिससे चंद्रशेखर आजाद ने खुद को गोली मार ली थी। इसी के अंदर आपको प्रयाग संगीत समिति मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में भी मिल जाएगा।

 यहीं आपको एक लाइब्रेरी मिल जाएगी जो की उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ा पुस्तकालय है जिसमें 125000 पुस्तक संग्रहित हैं।

आइए बढ़ते हैं सिविल लाइंस से कर्नलगंज की ओर –

इसके बाद आ जाइए कर्नलगंज में स्थित आनंद भवन का भ्रमण करिए। यहां पर चाचा नेहरू की बचपन से लेकर युवावस्था तक की काफी सारी चीज रखी गई है तथा यहीं पर अगर आए हैं तो जवाहर तारामंडल भी जरूर देखिएगा जो 1979 में निर्मित किया गया था। जहां पर जवाहर मेमोरियल लेक्चर का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। और यहीं पर सौरमंडल और अंतरिक्ष से जुड़े शो दिखाए जाते हैं।

इसी के पास स्थित है भारद्वाजपार्क जो कि यहां रहने वाले मुनि भारद्वाज के नाम पर ही रखा गया है। वहां पार्क के पास में ही में मंदिर है वहां भी आप भ्रमण करें, वहां पर आपको कई  मूर्तियां देखने को मिलेंगे जैसे राम, लक्ष्मण ,गणेश -पार्वती भीष्म पितामह आदि की भी मूर्ति है।

इसके साथ ही साथ आप  अरैल घाट, सरस्वती घाट, शिवकुटी, मनकामेश्वर मंदिर नाग वासुकी मंदिर जो की दारागंज में है बहुत सी ऐसी चीज हैं जिसका दर्शन किया जा सकता है।

खुसरो बाग के पर्यटन एवं मार्गदर्शिका –

तत्पश्चात प्रयागराज के लूकरगंज में स्थित खुसरो बाग का किला जरूर घूमिए। आपको  वहां मुगल वास्तुकला की एक अच्छी झलक देखने को मिलेगी, जिसमें बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। यहां पर शाह बेगम, खुसरो मिर्ज़ा  तथा निथार बेगम को श्रद्धांजलि देते हुए कुछ मकबरे हैं। यहां पर आपको अमरूद के बाग  भी मिल जाएंगे जो की बहुत ही प्रसिद्ध है और प्रयागराज के अमरूद को यहां से निर्यात भी किया जाता है।

वैसे यहां पर्यटन एवं मार्गदर्शिका की जानकारी तो दे दी। अब अगर आप यात्रा की योजना बना रहें हैं तो इसको कभी भी किया जा सकता है पर अगर अक्टूबर से फरवरी के बीच आया जाए तो यह सबसे बेहतरीन माना जाता है क्योंकि यहां पर दिवाली का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है और उसके बाद माघ महीने मे माघ मेला का आयोजन किया जाता है।

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