ताजा समाचार के अनुसार 55 मे से 47 श्रमिकों कों बाहर निकाल लिया गया है
उत्तराखंड-चीन की सीमा पर स्थित चमोली जिले के माणा गाँव में शुक्रवार को हिमस्खलन हो गया। उस समय सीमा सड़क संगठन का एक शिविर बर्फ के नीचे दब गया। इसमें कुल 55 मजदूर बताए जाते है। गाँव के लोग इस नवंबर से अप्रैल तक सर्दियों से बचने के लिए पलायन कर जाते है। जिससे उन्हे कोई नुकसान नहीं हुआ।
हिमस्खलन की खबर सुनते ही तुरन्त वहाँ 100 आइबेक्स ब्रिगेड कर्मियों को तैनात कर दिया गया। साथ ही एम्बुलेंस एवं डॉक्टरों की व्यवस्था की गई। शुक्रवार को हुए बचाव कार्य मे 33 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। उसके बाद बचाव कार्य दोबारा हिमस्खलन और खराब मौसम के कारण रोकना पड़ा। शनिवार को राहत और बचाव कार्य में वायु सेना के चार हेलिकाप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

शनिवार कों फिर से जब बचाव कार्य शुरू हुआ तो 14 और लोगो को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जिसमें चार लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हे जोशीमठ अस्पताल में भारती कराया गया है। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मजदूरों के राज्यों की सूची जारी की है। जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर सहित कई प्रदशों के मजदूर शामिल है।
उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राहत-बचाव कार्य की जानकारी देते हुए बताया की लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। हमारा प्रयास है की जल्दी से जल्दी फंसे श्रमिक बाहर सुरक्षित निकाल लिए जाए। उसके लिए हर संभव प्रयास जारी है। उन्होंने बताया की पीएम मोदी ने उनसे फोन पर बात की और घटना की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने हर संभव सहायता का आश्वाशन दिया है। पूरे प्रदेश मे बारिश एवं बर्फबारी के बाद स्थिति के बारे मे जायजा लिया है।
साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम से बात की और कहा की, “ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने की घटना के बारे में बातचीत की। दुर्घटना में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। “
जानिए कुम्भ की समाप्ति पर पीएम मोदी की प्रक्रिया हमारी दूसरी खबर में –