मंगलवार, अप्रैल 29, 2025

45 दिन तक चलने वाले महाकुंभ का, महाशिवरात्रि के पवित्र स्नान के बाद हो गया समापन

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महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी ने एक लेख के माध्यम से रखा अपने विचार

कल महाशिवरात्रि के पावन स्नान के साथ ही प्रयागराज मे चल रहे महाकुंभ का समापन हो गया। 13 जनवरी से शुरू हुए अमृत स्नान से 26 फरवरी महाशिवरात्रि के पवित्र स्नान के साथ खत्म हुआ। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार 66.21 करोड़ लोगों ने आस्था के संगम में डुबकी लगाई। त्रिवेणी संगम में स्नान करने एवं अद्भुत महाकुंभ का दृश्य देखने देश-विदेश से लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 

कुछ प्रमुख मंदिर

महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी ने एक लेख लिखा है। जिसमें उन्होंने अपने अनुभव के साथ महाकुंभ ने क्या संदेश पूरे विश्व को दिया है आदि विषय है। उन्होंने महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ कहा है। उन्होंने कहा जब राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब गुलामी की मानसिकता सकड़ों साल बाद अपने बंधन तोड़कर नव चेतना खुली हवा मे साँस लेने लगती है, तब ऐसा दृश्य देखने कों मिलता है।  

उन्होंने आगे लिखा की देश के कोने-कोने से लाखों लोग संगम ओर बढ़ते जा रहे थे जिनका एक उद्देश्य था संगम मे स्नान करना। गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन का त्रिवेणी संगम लोगों मे ऊर्जा, उत्साह और विश्वास के भाव को भर देता था। 

आगे लिखते हुए कहते है की पूरा विश्व ये देख के हैरान है की इतनी बड़ी संख्या मे लोग एक जगह कैसे जुट जा रहे है। जबकि ना इनको कोई समय और ना कोई औपचारिक निमंत्रण दिया गया था। बस लोग पवित्र डुबकी लगाने चल दिए संगम की ओर। 

प्रयागराज महाकुंभ मे पीएम मोदी

उन्होंने युवाओं के भाग लेने के बारे मे लिखा की ये देख कर बहुत खुशी हुई। इससे एक चीज का विश्वास होता है, की हमारी आने वाली पीढ़ी संस्कार एवं संस्कृति को लेकर आगे बढ़ेगी। साथ ही उन्होंने कहा यहाँ पहुचने वालों तो नित नए रिकार्ड तो बनाए है। परंतु जो नहीं आ पाए उन्हे यहाँ आने वालों ने गंगा जल भेंट कीये जिससे लोगों की वही अनुभूति महसूस हुई जो यहाँ आकार लोग प्राप्त करते है।

पीएम मोदी आगे लिखते है की अमेरिका की आबादी के दुगने लोगों ने स्नान किया। साथ ही लिखा की आध्यात्मिक शोध करे वाले लोग आगे करोड़ों लोगों के उत्साह का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे अपनी विरासत पर गर्व करने वाला भारत नई ऊर्जा के साथ बढ़ रहा है। 

उन्होंने महाकुंभ मे सहयोग देने वालों पर अपने विचार रखते हुए कहा – 

     “यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर, इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य हो, यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था। हमारे सफाईकर्मी, हमारे पुलिसकर्मी, नाविक साथी, वाहन चालक, भोजन बनाने वाले, सभी ने पूरी श्रद्धा और सेवा भाव से निरंतर काम करके इस महाकुंभ को सफल बनाया। विशेषकर, प्रयागराज के निवासियों ने इन 45 दिनों में तमाम परेशानियों को उठाकर भी जिस तरह श्रद्धालुओं की सेवा की है, वह अतुलनीय है। मैं प्रयागराज के सभी निवासियों का, यूपी की जनता का आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं।”

इसके बाद पीएम मोदी ने इतने बड़े आयोजन के बारे में लिखा की,“मैं जानता हूं, इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मैं प्रार्थना करता हूं मां गंगा से…मां यमुना से…मां सरस्वती से…हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा…। जनता जनार्दन, जो मेरे लिए ईश्वर का ही स्वरूप है, श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो मैं जनता जनार्दन का भी क्षमाप्रार्थी हूं।”

पीएम मोदी प्रयागराज महाकुंभ मे 5 फरवरी को आए थे और संगम स्नान के बाद पूजा अर्चना की थी। अगर आप भी पढ़ना चाहते है पीएम मोदी का पूरा लेख तो क्लिक करिए




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