सोमवार, जुलाई 14, 2025

प्रयागराज के अंदावा स्थित दिगंबर जैन मंदिर: शांति, श्रद्धा और स्थापत्य का अद्भुत संगम

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प्रयागराज का दिगंबर जैन मंदिर – एक आध्यात्मिक यात्रा

प्रयागराज जैसा की अपनी धार्मिक और ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है। यहां ना सिर्फ हिन्दू धर्म के मंदिर बल्कि अन्य धर्म के मंदिर भी मौजूद हैं। उसी कड़ी में आज हम जैन मंदिर प्रयागराज के बारे में बात करेंगे। प्रयागराज के अंदावा में स्थित यह मंदिर अपनी शांति, भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है।

दिगम्बर जैन मंदिर प्रयागराज का कब हुआ निर्माण –

बात करें इसके निर्माण की तो यह मंदिर बहुत पुराना तो नहीं है, परंतु अपने अंदर एक प्राचीन इतिहास जरूर समाहित किए हुए है। इस मंदिर का निर्माण 2001 ई. में आचार्य विद्यानंद महाराज के मार्गदर्शन में बनाया गया था। यहां पर स्थित एक कीर्ति स्तम्भ और 3 मंदिर स्थित जो इसे विशिष्ट बनाते है।

जैन मंदिर प्रयागराज की वास्तुकला एवं कलात्मकता –

बात करें इसकी वास्तुकला की तो यहां पर जैन धर्म की पारंपरिक जैन स्थापत्य कला को दिखाती है। यहां पर बनीं सफेद संगमरमर की मूर्तियां और इस पर की गई नक्काशी अपनी ओर आकर्षित करती है। और परिसर में फैली शांति एक सात्विक वातावरण तैयार करती है जो ध्यान एवं साधना के लिए उपयुक्त है।

जैन मंदिर प्रयागराज में मुख्य आकर्षण –

मंदिर परिसर में एक पहाड़ी जैसी आकृति निर्मित की गई है, जिसके शीर्ष तक एक घुमावदार मार्ग से पहुँचा जा सकता है। सबसे ऊपरी सतह पर 14 फीट ऊँची ध्यान मुद्रा में भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) की प्रतिमा स्थापित है। जैन ग्रंथों के अनुसार, भगवान ऋषभदेव का जन्म अयोध्या में हुआ था और उन्होंने राज-पाठ त्यागकर वैराग्य धारण किया। मान्यता है कि उन्होंने जिस स्थान पर दीक्षा ली, वह बाद में प्रयाग नाम से प्रसिद्ध हुआ।

पहाड़ी के चारों ओर हरियाली और शांति का वातावरण है, जो हर आगंतुक को मानसिक सुकून देता है।

दिगम्बर जैन मंदिर प्रयागराज में धार्मिक गतिविधियां और सुविधाएं –

यह मंदिर दिगम्बर जैन जैन समुदाय के लिए पवित्र माना जाता है। यहाँ पर नियमित पूजा, प्रवचन और ध्यान ताप की विधियाँ होती है। साथ ही महवीर जयंती और तीर्थंकर निर्वाण दिवस पर विशेष आयोजन किए जाते है। 

यहां मंदिर में धर्मशाला की भी व्यवस्था है जिससे दूर-दराज के लोग आकर ठहर सकते हैं। साथ ही यहां पर सात्विक भोजन और शुद्ध पानी एवं स्वच्छ वातावरण की व्यवस्था इसकी खूबसूरती में और भी चार-चाँद लगाता है। यहां के परिसर में बिना किसी शुल्क के आपको प्रवेश दिया जाता है। साथ ही आपको यहां निःशुल्क पार्किंग की भी सुविधा मिल जाती है।

निष्कर्ष –

अगर आप अपनी व्यस्त और तनावपूर्ण दिनचर्या से कुछ पल सुकून के चाहते हैं, तो अंदावा स्थित दिगंबर जैन मंदिर अवश्य जाएं। यह मंदिर न केवल जैन धर्म में आस्था रखने वालों के लिए, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए भी आध्यात्मिक शांति और मानसिक शुद्धि का स्थल है। जब भी आप प्रयागराज आएं, तो इस शांत और सुरम्य स्थल के दर्शन अवश्य करें — यहाँ का अनुभव आपको एक नई ऊर्जा और सुकून के साथ लौटने का अवसर देगा।

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