भारतीय रेलवे ने भी ऊर्जा को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए तेजी से काम किया है। प्रयागराज मंडल ने सौर ऊर्जा उत्पादन के जरिए आर्थिक रूप से लगभग 77.91 लाख रुपये की बिजली बचत करके पर्यावरण को बचाया है। यह कदम रेलवे की सतत विकास नीतियों का हिस्सा है, जो पर्यावरण और ऊर्जा की बचत के लिए स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों को अपनाने को महत्व देता है।
प्रयागराज मंडल में सौर ऊर्जा उत्पादन और बचत की जानकारी
- संख्या और क्षमता: प्रयागराज मंडल में अगस्त 2025 तक 5,791 किलोवाट (kW) की कुल क्षमता वाले सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं।
- उत्पादन और बचत: चालू वित्तीय वर्ष (अगस्त तक) में इन पैनलों से 18.92 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ, जिससे ₹ 77.91 लाख की राजस्व बचत हुई।
- प्रयागराज क्षेत्र में (जंक्शन, मंडल कार्यालय, अस्पताल, स्टेशन आदि) लगभग 2,668 kW पैनल लगाए गए, जिससे 11.19 लाख यूनिट उत्पादन और ₹ 40.39 लाख की बचत हुई। प्रयागराज मंडल में सौर ऊर्जा के प्रमुख संयंत्र: सेंट्रल हॉस्पिटल, प्रयागराज जंक्शन, नैनी स्टेशन, प्रयागराज छेकी, मेला शेड, जीएम ऑफिस, डीआरएम ऑफिस।
- शेष पैनल अन्य कार्यालयों और भवनों में लगाए गए, जो कुल बचत में योगदान देते हैं।
सारांश
प्रयागराज मंडल में संचालित सौर ऊर्जा परियोजनाएं ऊर्जा की शुद्धता और लागत का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। रेलवे ने अर्थव्यवस्था को बचाया है और पर्यावरण को बचाया है। भविष्य में इन पहलों को बढ़ावा देने से देश को ऊर्जा स्वतंत्रता मिल सकेगी और उसका भविष्य सुरक्षित होगा।
प्रयागराज में कल होगी यूपी pcs-2025 की परीक्षा, प्रयागराज में बनाए गए है 67 केंद्र।

