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सोमवार, नवम्बर 10, 2025

प्रयागराज नगर निगम चार क्षेत्रों में विभाजित होगा: प्रशासनिक क्षमता में सुधार की नई कोशिश

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अब प्रयागराज नगर निगम अपने मौजूदा आठ जोन से सिर्फ चार जोन में विभाजित होगा। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने कहा कि शहर के प्रशासनिक ढांचे को सुधारने और लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए यह बदलाव किया जा रहा है। प्रयागराज जोन विभाजन से जुड़ी जानकारी के बारें विस्तार से जानिए। 

प्रयागराज जोन विभाजन की क्या है नई व्यवस्था

अब प्रयागराज नगर निगम क्षेत्र चार क्षेत्रों में बांटा जाएगा। प्रत्येक क्षेत्र में लगभग 25 वार्ड और 5 से 5 लाख लोग होंगे। पुनर्गठन के बाद, प्रत्येक क्षेत्र को एक सहायक नगर आयुक्त (Assistant Municipal Commissioner) नियुक्त किया जाएगा. वह सफाई, जलापूर्ति, सड़क मरम्मत, कर संकलन और नागरिक शिकायतों की देखभाल करेगा।

प्रयागराज नगर निगम अभी आठ क्षेत्रों में विभाजित है, जिसमें पर्याप्त कर्मचारियों और तकनीकी संसाधनों की कमी से समन्वय की समस्या अक्सर होती है। चार जोनों का प्रस्ताव मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुविधाओं और जनसंख्या संतुलन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। राज्य सरकार ने भी 17 बड़े शहरों (लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा और गाजियाबाद) में इसी तरह की जोनल संरचना लागू करने का फैसला किया है।

शासनादेश एवं उद्देश्य

नगर विकास विभाग ने निम्नलिखित शासनादेश जारी किए:

  • प्रशासनिक पारदर्शिता: प्रत्येक क्षेत्र में एक प्रमुख नियुक्त होने से जवाबदेही बढ़ी होगी।
  • जन सुविधा में तेजी: सफाई, जलनिकासी और सड़क सुधार जैसे कार्य कम क्षेत्रों में बेहतर समन्वय से समयबद्ध होंगे।
  • योजनाओं को लागू करने में दक्षता: आबादी को समान रूप से विभाजित करने से अब विकास कार्यक्रमों में समानता होगी।
  • संसाधन व्यवस्था: बजट, कर्मचारी और तकनीकी उपकरणों का प्रभावी उपयोग होगा।

सारांश 

प्रयागराज नगर निगम का चार क्षेत्रों में पुनर्गठन सिर्फ आबादी को कम करने का नहीं है; यह शहरी शासन को अधिक दक्षता और पारदर्शिता की ओर ले जाता है। यदि प्रयागराज जोन विभाजन बदलाव सही योजना में लागू किया गया, तो शहर की बुनियादी सेवाएं सुधर जाएंगी और नागरिकों का प्रशासन पर विश्वास बढ़ेगा।

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