त्रिवेणी माँ के जलाभिषेक के बाद, हनुमान जी नीर शयन अवस्था में
प्रयागराज में सावन के महीने के दौरान एक खास आध्यात्मिक क्षण हर साल आता है — जब गंगा मईया स्वयं बड़े हनुमान जी को स्नान कराती हैं। जिसके बाद हनुमान जी नीर शयन अवस्था में चले जाते हैं। इस साल भी मंगलवार की दोपहर लगभग 2:30 बजे यह पावन दृश्य देखने को मिला, जब गंगा का जल स्तर बढ़ते-बढ़ते मंदिर परिसर में प्रवेश कर गया।
जलाभिषेक के बाद हनुमान जी नीर शयन अवस्था में चले जाते हैं, ऐसी है धार्मिक परंपरा –
महंत बलवीर गिरी ने विधिवत आरती की और श्रद्धालुओं ने मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। परंपरा अनुसार जब जल बड़े हनुमान जी की मूर्ति को ढक लेता है, तो उसे “नीर शयन” कहा जाता है। साथ ही अब जब तक हनुमान जी जल के भीतर रहेंगे शयन अवस्था में रहेंगे तब तक हनुमान जी के प्रारूप की पूजा की जाएगी।
“परंपरा अनुसार त्रिवेणी मईया श्री बड़े हनुमान को स्नान कराने आती है। जिसका हम सभी प्रयागवासी साल भर से इंतजार करते हैं। श्रावण मास की पंचमी तिथि, आज का दिन हनुमान दर्शन का भी कहा गया है और आज गौरी पूजन का भी कहा गया है। मंगलवार का शुभ दिन, और त्रिवेणी का संगम — यह दिन हमारे लिए सौभाग्य का प्रतीक है।”
— महंत बलवीर गिरी
प्रयागराज बाढ़ अपडेट जलस्तर: खतरे के निशान के करीब –
- चेतावनी स्तर: 82.73 मीटर
- खतरे का स्तर: 84.73 मीटर
- वर्तमान जलस्तर: 81.50+ मीटर
गंगा और यमुना दोनों नदियां तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर यमुना में जलस्तर केन, बेतवा और चंबल नदियों से आये भारी जल के कारण बढ़ा है।
सावन में गंगा बढ़ाव घाटों और मंदिरों की स्थिति –
- आदि शंकर विमान मंडपम: सड़क तक पानी पहुँच गया है। जिससे सड़क के आस-पास नावें चलती हुई दिखाई देने लगी है।
- अरैल घाट: जल स्तर सतह के करीब
- दशाश्वमेध घाट: यज्ञ स्थल की छत तक पानी पहुंचा चुका है। धीरे-धीरे पानी अब सीढ़ियों पर चढ़ना शुरू हो चुका है।
नगवासुकी मंदिर, मरीन ड्राइव के आसपास की सड़क भी डूबी चुकी है।
प्रशासन की तैयारी
- तटों पर पुलिस और पीएसी की तैनाती कर दी गई है। जिससे लोगों की सहायता की जा सके और साथ ही उन्हे होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
- सभी तहसीलदार और SDM को क्षेत्रीय निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
- संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और राहत कार्य सक्रिय रूप से करने के आदेश दिए गए हैं।
निष्कर्ष
प्रयागराज की वार्षिक परंपरा के अनुसार इस बार भी त्रिवेणी माँ ने हनुमान जी को जलाभिषेक करा दिए हैं। जिसके बाद हनुमान जी नीर शयन अवस्था में जा चुके हैं। धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम है अब चारों तरफ से माँ गंगा-यमुना के जलस्तर से भरा हुआ दिखाई दे रहा है। जो भी इस समय संगम तट की ओर जाए उनके लिए सावधानी और श्रद्धा — दोनों इस समय की ज़रूरत हैं।
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