क्या कभी सोचा है कि एक साधारण दिन, भीड़-भाड़ वाली सड़क और अचानक सन्नाटा? प्रयागराज के मुंडेरा में कुछ ऐसा ही मंजर था, जब संविदा रोडवेज़ बस ड्राइवर रावेंद्र कुमार की बेरहमी से हत्या हुई। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रयागराज रोडवेज़ ड्राइवर हत्याकांड एवं कार्रवाई
21 अक्टूबर को रावेंद्र कुमार बस में पेट्रोल भरवा रहे थे। इसी बीच मुख्य आरोपी नुरैन और अली से झगड़ा हुआ, और अली ने सिर पर ईंट मारकर हत्या कर दी। घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने से पुलिस को अपराधियों की पहचान करना आसान हो गया। इस हत्या के विरोध में लोगों ने जीटी रोड पर शव रखकर जाम लगाया, जिससे पुलिस को स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पीएसी तैनात करनी पड़ी। मृतक के भाई ने सात नामजद और कुछ अज्ञात लोगों पर हत्या तथा अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। इन सभी आरोपियों पर 25,000 रुपये का इनाम भी रखा गया था।
27 अक्टूबर को सुबह करीब ढाई बजे पुलिस को पता चला कि नुरैन और अली पुरामुफ्ती क्षेत्र में एक खंडहर मकान में छिपे हुए हैं। जब पुलिस ने घेराबंदी की, आरोपियों ने गोली चलाई। मुठभेड़ में नुरैन अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया, जबकि अली के दोनों पैरों में गोली लगी। अली घायल हो गया और अस्पताल में कराया गया। एक पुलिसकर्मी को भी चोट आयी। डीसीपी (नगर) ने कहा कि पुलिस जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लेगी।
आपराधिक रिकॉर्ड और प्रशासनिक लापरवाही
सातों प्रमुख आरोपियों में से कई के खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हुए हैं। विशेष रूप से नुरैन और हासनैन का आपराधिक रिकॉर्ड है। पुलिस की निष्क्रियता सामने आने पर चौकी प्रभारी और थाना इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया। प्रयागराज रोडवेज़ ड्राइवर हत्याकांड में छह और लोगों को आरोपियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सात अलग-अलग पुलिस टीम भी बनाई थीं।
स्थानीय लोगों और मृतक के परिवार ने तेजी से कार्रवाई की न्याय की मांग की। उन्हेोंने सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया था। राजनीतिक नेताओं ने सांत्वना दी और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया। सोशल मीडिया पर वायरल सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस पर दबाव डाला, जिससे कार्रवाई में तेजी आइ।
सारांश
प्रयागराज रोडवेज़ ड्राइवर हत्याकांड प्रशासन की जल्दी कार्रवाई का उदाहरण है, जहां डिजिटल सबूत और जनता के दबाव से अपराधी गिरफ्तार किया गया। लेकिन फरार आरोपी और निरंतर आपराधिक घटनाएं पुलिस और समाज को अधिक सतर्क रहने की जरूरत बताती हैं।
प्रयागराज में पकड़ा गया 20-25 लाख रुपये मूल्य का गाँजा।

