प्रयागराज जिले के कोरांव ब्लॉक से प्रेरणादायक खबर आई है। यहां, महिला-नेतृत्व वाले किसान उत्पादक संगठन (FPO) ‘मां विंध्यवासिनी प्रेरणा उद्योग समूह’ ने इस वित्तीय वर्ष में 85 लाख रुपये से अधिक का कारोबार किया है।
‘मां विंध्यवासिनी प्रेरणा उद्योग समूह’ की सफलता के पीछे की कहानी
इस संस्था को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत बनाया गया था।इसमें 3,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिलाएं शामिल है। इन महिलाओं ने बड़े बाजारों में आचार, पापड़, सिरका, अनाज, सब्जियां और मूनज के हेंडिक्राफ्ट उत्पादों को बेचा। महिलाएं पहले बिचौलियों पर निर्भर थीं, लेकिन अब यह FPO कंपनियों और संस्थानों को सीधे माल भेजता है।
ग्रामीण महिलाओं को स्थानीय उत्पादों की बिक्री में पारदर्शिता आई है, जिससे किसानों और महिला उद्यमियों की आय बढ़ी है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
इस समूह ने दिखाया कि महिलाओं को संगठित किया जाए और प्रबंधन, व्यापार और वित्त की समझ दी जाए, तो वे अपने गांव की अर्थव्यवस्था बदल सकती हैं। इस FPO की सफलता आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य से सीधे जुड़ी है—जहां ग्रामीण महिलाएं देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
सारांश
प्रयागराज की भूमि ने एक बार फिर दिखाया है कि यहां संस्कृति और अध्यात्म की गहरी जड़ें हैं, साथ ही नवाचार और महिला नेतृत्व की भावना भी मजबूत है। आने वाले समय में, हजारों और ग्रामीण महिलाओं ने ‘मां विंध्यवासिनी प्रेरणा उद्योग समूह’ से प्रेरणा ले रहे है।
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