दिवाली की धूम-धाम के बीच प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र के राजरूपपुर बाजार में एक सुखद शाम ने भयानक अंत हुआ। जब लोग परिवार के साथ खरीदारी कर रहे थे, अचानक एक जैगुआर कार ने अपनी रफ्तार से सब कुछ रौंद दिया। प्रयागराज में Jaguar दुर्घटना से घायल चीखते रहे और भीड़ में मातम छा गया।
प्रयागराज में Jaguar दुर्घटना की पूरी कहानी
19 अक्टूबर 2025 को रविवार दोपहर, राजरूपपुर श्रमिक चौराहा पर दिवाली की खरीददारी जोरों पर थी। बाद में, एक Jaguar XF कार ने तेज गति से दो चारपहिया वाहनों को टक्कर मारकर सड़क किनारे खड़े मोटरसाइकिलों और ठेलों को उड़ा दिया। चंद सेकंडों में कार अनियंत्रित होकर भीड़ में घुस गई।
पुलिस ने बताया कि हादसे में 51 वर्षीय विद्युतकर्मी प्रदीप कुमार पटेल की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि आठ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। निजी अस्पतालों और रानी नेहरू ट्रॉमा सेंटर में घायलों को भर्ती कराया गया।
कार चला रहा युवक रचित मध्यान, लुकरगंज निवासी और ‘कामधेनु मिष्ठान भंडार’ कारोबारी परिवार का बेटा बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वह अकेला कार में सवार था और कार करीब 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ा रहा था। टक्कर के बाद उसकी कार लॉक हो गई और पुलिस ने कांच तोड़कर उसे बाहर निकाला ।
घटनास्थल पर जनता का आक्रोश
पुलिस जांच में पता चला कि रचित मध्यान उस दिन एक क्रिकेट मैच खेलकर वापस आ रहा था और मैच में हार के कारण मानसिक तनाव में था। साथ ही शराब पीने की भी आशंका है। DCP मनीष कुमार शांडिल्य ने कहा कि “प्रारंभिक जांच में कार चालक नशे की हालत में प्रतीत हुआ और तेज गति ने हादसे को और भयावह बना दिया”। टेस्ट रिपोर्ट के लिए उसका रक्त नमूना लिया गया है और एफआईआर अब नामजद के रूप में दर्ज की जा चुकी है। हादसे के तुरंत बाद गुस्साये लोगों ने कार पर हमला करके राजरूपपुर चौराहा जाम कर दिया। लोगों ने नारा लगाकर कड़ी सजा की मांग की। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल लगाया और राहत कार्य शुरू किया। बाद में घायल रचित को MLN Divisional Hospital भेजा गया, जहां से उसे लखनऊ भेजा गया।
समापन
दिवाली की रौनक में हुआ प्रयागराज में Jaguar दुर्घटना उन अनियंत्रित रफ्तारों और मदहोशी का प्रतीक है जो सड़कों को मौत के रास्ते में बदल देती हैं। रचित मध्यान का यह कृत्य केवल एक व्यक्तिगत गलती नहीं है, बल्कि एक चेतावनी है जो समाज के उस हिस्से को है जो जिम्मेदारी से ज्यादा महत्व देता है कि “ब्रांड और स्पीड” है। यह समाज और प्रशासन के लिए एक दुःखद सबक है।
यह भी देखें – एसएससी की नई परीक्षा रणनीति।

