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सोमवार, नवम्बर 10, 2025

पटल बदलते ही करोड़पति क्लर्क भड़क गया, अफसर पर गंभीर आरोप लगाए – सांसद ने विजिलेंस जांच की मांग की

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प्रयागराज शिक्षा निदेशालय में एक करोड़पति क्लर्क और एक अफसर के बीच हुई बहस ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। शिक्षा निदेशालय में एक कर्मचारी मोहम्मद कलीम खां ने पटल (डेस्क) बदलने पर अपने वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे विभाग को कतघरे में ला खड़ा किया।

प्रयागराज करोड़पति क्लर्क मामले से जुड़ी मुख्य जानकारी

लंबे समय से प्रयागराज शिक्षा निदेशालय में नियुक्त प्रशासनिक क्लर्क मोहम्मद कलीम खां ने पद परिवर्तन से नाराज़ होकर अपने उच्च अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शासन का नियम है कि समूह ‘ग’ के कर्मचारियों को कम से कम तीन साल में पटल परिवर्तन (डेस्क या सेक्शन बदलाव) दिया जाए, लेकिन कई बाबू 15 से 20 साल से एक ही स्थान पर रहते हैं।

यह आरोप लगाया जाता है कि करीब 350 बाबुओं में से 30 लोग करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं, और प्रत्येक फाइल का मूल्य निर्धारित है। उप शिक्षा निदेशक डॉ. ब्रजेश मिश्र ने आदेश में लिखा है, अनुभाग-3 से शिकायत और बड़ी संपत्ति के कारण कलीम खां को हटाना पड़ा। सांसद प्रवीण पटेल ने मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजी है और विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। गाड़ियां, घर, बेनामी संपत्ति और बड़े पैमाने पर वसूली आरोपों में शामिल हैं।

कलीम खां ने कहा कि लाखों रुपये की वसूली, बेनामी संपत्ति और निदेशक स्तर से संरक्षण जैसे मामले निदेशालय में चल रहे हैं। उन्होंने इसकी शिकायत की इसलिए उन्हें हटाया गया।  साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उप शिक्षा निदेशक डॉ. ब्रजेश मिश्र ने उनके खिलाफ फर्जी शिकायतें बनाकर उन्हें निशाना बनाया गया है।

सारांश 

यह मामला प्रयागराज की सरकारी कार्यसंस्कृति और प्रशासनिक उत्तरदायित्व पर गंभीर प्रश्न उठाता है। भ्रष्टाचार और पारदर्शिता को लेकर समाज चिंतित है, जैसा कि करोड़पति बाबू ने पद परिवर्तन के बाद आरोप लगाया और विजिलेंस जांच शुरू की।

प्रयागराज में फूलपुर में किशोर की हत्या कर शव को नहर में फेंका। 

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