मौनी अमावस्या के दिन कुम्भ मेला मे हुई भगदड़ की जांच शुरू हो गई है। न्यायिक आयोग में रिटायर्ड जज हर्ष कुमार, पूर्व डीजी विके गुप्ता एवं रिटायर्ड आईएएस डिके सिंह शामिल है। इसकी बैठक सर्किट हाउस मे राखी गई। जहां पर प्रयागराज जोन के कमिश्नर विजय विश्वास पंत, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, एडीजी भानु भास्कर, डीआईजी वैभव कृष्ण समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों मौजूद थे।
न्यायिक आयोग ने पूछे सवाल –
न्यायिक आयोग के अफसरों से उनकी तैयारिओं के बारे मे पूछने पर अपनी व्यवस्था के बारे मे जानकारी दी तो आयोग ने फटकार लगाई की फिर ये भगदड़ कैसे हुई। आयोग ने निम्न सवाल पूछे जिसका कोई संतुष्ट जवाब देने मे अधिकारी असमर्थ रहे –
1. जब आपको पता था की इतनी ज्यादा संख्या मे भीड़ आने वाली है तो सुरक्षा के क्या इंतजाम कीए गए थे?
2. ये घटना क्या संगम क्षेत्र के अलावा कहीं और भी हुई है।
3. मीडिया मे वाइरल हो रहे विडिओ का सच क्या है? क्या झूंसी क्षेत्र मे कोई घटना हुई?
4. सभी घटनाओं का सीसीटीवी फुटेज को दिखाने को कहा गया। सतब भीड़ को कंट्रोल करने की योजना का विवरण माना गया।
न्यायिक आयोग ने घायलों से मुलाकात की –
न्यायिक आयोग अस्पताल मे जाकर भगदड़ में हुए घायलों से मुलाकात की। तथा उस दिन के घटना के संदर्भ मे जायजा भी लिया। अभी फिलहाल तथ्यों को जुटाया जा रहा तथा आयोग ने कुछ भी कहने से इनकार किया है। जैसा की यह ज्ञात है की भगदड़ के दौरान लगभग 30-40 लोगों की मौत हो गई एवं 60 लोग घायल हुए। हालांकि प्रशासन की तरफ से 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इस घटना के संदर्भ मे सब की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी है। जिसमे धीरेन्द्र शास्त्री के बयान काफी वाइरल हो रहा है।

आज कुम्भ मेला का 20वां दिन है अभी तक लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था के संगम मे डुबकी लगा ली है।