धार्मिक और सामाजिक चेतना के प्रतीक के रूप में ‘हिंद की चादर जागृति यात्रा’ का आगमन होने जा रहा है। पटना साहिब से शुरू होकर कई महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों से गुजरने के बाद यह यात्रा आज प्रयागराज पहुँच रही है। यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए यह दिन धार्मिक विश्वास, सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक एकता का उत्सव होगा।
यात्रा की प्राथमिक जानकारी और प्रयागराज आगमन
17 सितंबर 2025 को पटना साहिब से शुरू हुई हिंद की चादर जागृति यात्रा ने वाराणसी, गोरखपुर और जौनपुर जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अपनी छाप छोड़ी है। 3 अक्टूबर को वाराणसी में इसका भव्य स्वागत हुआ, जिससे यात्रा की गरिमा और भी बढ़ी। अब पवित्र यात्रा सोमवार, 7 अक्टूबर को प्रयागराज पहुंच जाएगी, जहां तेलियरंगज, एमएनआईटी चौराहा और अन्य सांस्कृतिक स्थानों पर स्वागत समारोह होंगे।
गुरु तेग बहादुर की शहादत के 350 वर्ष पूरे होने पर इस यात्रा का उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक एकता और मानवता का संदेश फैलाना है। विभिन्न समुदायों को एक साथ जोड़ने में धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे की मिसाल यह यात्रा देती है।
प्रयागराज में स्वागत के दौरान कीर्तन, भजन, पुष्पवर्षा, सामूहिक लंगर और सत्संग का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं भाग लेंगी। यात्रा में श्रद्धालु गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के साथ चलेंगे।
सारांश
हिंद की चादर जागृति यात्रा आज प्रयागराज पहुंचकर न केवल एक धार्मिक एवम् सांस्कृतिक मंच स्थापित करेगी बल्कि समाज में भाईचारे, सहिष्णुता और मानवता के मूल्यों को भी नई दिशा देगी। इस यात्रा के माध्यम से प्रयागराज का संदेश पूरे देश तक पहुंचाएगा कि विविधताओं में एकता ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है।
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