स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच प्रयागराज स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जिले में गंभीर अनियमितताओं के चलते तीन निजी अस्पताल और एक क्लिनिक को बंद कर दिया गया है।
निजी अस्पताल अनियमितता रही कार्रवाई की बड़ी वजहें
मम्फोर्डगंज: बच्चों को एक निजी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ (पेडियाट्रिशियन) की कमी के बावजूद इलाज दिया जा रहा था। हाल ही में 5 वर्षीय बच्चे को यहां उपचार के दौरान मौत हो गई। शिकायत की जांच में त्रुटियां पाई गईं, इसके बाद अस्पताल को बंद कर दिया गया।
हरखपुर-महरौडा: दूसरा अस्पताल बिना वैध पंजीकरण के चल रहा था। रजिस्ट्रेशन दस्तावेज नहीं दे पाने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसे बंद कर दिया।
गौरीगंज बाजार(सोरांव): यहां एक निजी क्लिनिक को लोगों की शिकायत पर जांचा गया। क्लिनिक संचालक मौके से गायब मिला और संचालन अनियमित पाया गया।
मऊआईमा: साथ हीएक और निजी अस्पताल का ऑपरेशन, पैथोलॉजी और ओपीडी थियेटर मानकों के विपरीत काम कर रहा था। विभाग ने मौके पर बंद कर दिया।
प्रयागराज स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार हो रही कार्रवाई
प्रयागराज स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों पर इस तरह की कार्रवाई की पहली बार नहीं की है। हाल ही में गौहनीया क्षेत्र में एक पैथोलॉजी सेंटर और दो अस्पताल गैर-रजिस्ट्रेशन के चलते सील कर दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग लगातार फर्जीवाड़े और मानकों से खिलवाड़ करने वाले संस्थानों पर नजर रख रहा है।
निष्कर्ष
तीन निजी अस्पताल और एक क्लिनिक पर हुई कार्रवाई ने साफ कर दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम लोगों को सतर्क करता है और निजी संस्थानों को स्पष्ट संदेश देता है कि मानकों से समझौता करने पर कार्रवाई होना तय है।
प्रयागराज में बन रहा साहित्यिक पार्क अरैल नैनी में।

