परिवार में संपत्ति के विवाद ने एक भयानक रूप ले लिया है, जब प्रयागराज के कौशांबी क्षेत्र में दो भाइयों ने अपने पिता को तब तक लाठी-डंडों से पीटा जब तक उनकी मौत नहीं हो गई। यह दर्दनाक घटना तब हुई जब पिता ने अपनी सारी संपत्ति तीसरे बेटे के नाम करने का मन बनाया था। क्या संपत्ति के लालच में रिश्तों को तोड़ देना सही है? आइए इस मामले की गहराई में जाएं।
जमीन विवाद हत्या घटना का विवरण
प्रयागराज के कौशांबी जिले के नेता नगर में रहने वाले दुर्गा प्रसाद सरोज(60) दो छोटे बेटों विमलेश और वीरेंद्र ने हत्या कर दी। इन दोनों भाइयों ने जमीन के विवाद को लेकर पिता और बड़े भाई ज्ञान सिंह पर हमला किया। दुर्गा प्रसाद ने बड़े बेटे ज्ञान सिंह को अपनी जमीन और घर दिए थे, और तीसरे बेटे को संपत्ति मिलने की भी चर्चा थी।
7 नवंबर 2025 को, बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों भाइयों ने अपने ही पिता और बड़े भाई पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। बड़े बेटे को भी गंभीर चोटें आईं, और दुर्गा प्रसाद गंभीर घायल होकर अस्पताल में मृत्यु हो गई। पुलिस अभियुक्तों की खोज कर रही है।
विवाद का इतिहास और पृष्ठभूमि
दुर्गा प्रसाद का मन था कि वे अपनी संपत्ति को बड़े बेटे के बजाय छोटे और मंझले बेटे को न दें, बल्कि तीसरे बेटे के पक्ष में जगह छोड़ें। इससे पहले भी संपत्ति का बंटवारा लेकर दोनों पक्षों में विवाद होते रहे थे। परिवार के सदस्यों के अनुसार दुर्गा प्रसाद ने अपनी सभी जमींन और मकान बड़ी बहू के नाम कर दिए थे और अविवाहित भाई की जमीन भी उस परिवार को देना चाहते थे। छोटे बेटों का इससे खासा रोष था, जो इस दुखद घटना का परिणाम बन गया।
समापन
प्रयागराज में संपत्ति के विवाद ने एक परिवार को बर्बाद कर दिया। दो भाइयों ने अपने पिता को मार डाला, जो परिवार में बातचीत और समझौता की कमी को कितनी खतरनाक बना सकता है। ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए परिवारों को विवाद को बातचीत, न्यायसंगत समाधान और कानून का सहारा लेना चाहिए।
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