इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के प्रसिद्ध उमेश पाल हत्याकांड में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इस गंभीर मामले में माफिया अतीक अहमद के बहनोई, वकील, ड्राइवर और नौकर की जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। यह फैसला अपराध की गंभीरता को देखते हुए समाज में कानून व्यवस्था और न्यायपालिका की शक्ति को दिखाता है।
उमेश पाल हत्याकांड जमानत खारिज से जुड़ी जानकारी
29 अक्टूबर को न्यायाधीश शेखर कुमार यादव की अध्यक्षता में इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच की सुनवाई के बाद 6 नवंबर 2025 को यह आदेश जारी किया गया। चार आरोपियों की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी।
माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक अहमद, उनके वकील विजय मिश्रा, ड्राइवर मोहम्मद कैफ और नौकर नियाज अहमद चारों आरोपियों में शामिल हैं। कोर्ट ने माना कि इन सभी आरोपियों को रिहा करने से जांच प्रभावित हो सकती है।
कोर्ट ने वकीलों का दावा खारिज करते हुए कहा कि मामला बहुत गंभीर और संवेदनशील है। सभी आरोपी या तो जांच में सहयोगी पाए गए हैं या इस हत्याकांड में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। इस मामले में कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं, जिससे ट्रायल प्रभावी ढंग से पूरा होना चाहिए।
सारांश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड के मामले में चार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है और कड़े न्यायिक कदम उठाए हैं। इस निर्णय से, इस हाई प्रोफाइल केस में जांच को निष्पक्ष और गंभीरता से पूरा करने का रास्ता खुला है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट नें एससी/एससी एक्ट के दुरुपयोग पर की कड़ी कार्रवाई।

